Daisy Flower Information in Hindi | गुलबहार के फूल की पूरी जानकारी

About daisy flower in Hindi – Daisy Flower जिसे हिंदी में गुलबहार का फूल कहा जाता है यह दिखने में काफी खूबसूरत और आकर्षक होता है और इस फूल की उत्पत्ति Anglo Saxon Word “Daes Eage” शब्दों से हुआ हैं ज़िसका मतलब होता हैं दिन की आँख

इसका अर्थ है ऐसा इसलिए है क्योंकि यह फूल सूरज के उगने के साथ खिलता है और सूरज के डूबने के साथ मुरझा जाता है गुलबहार फूल की और भी ऐसे ही रोचक जानकारी के अलावा इसके उपयोग, फायदे और पौधे लगाने की विधि जानने के लिए इस पोस्ट के अंत तक बने रहे

गुलबहार के पौधे की जानकारी

गुलबहार एक शाकाहारी पौधा है जिसकी करीब 4000 प्रजातियां पाई जाती है जो अलग-अलग प्रजातियों के अनुसार अलग-अलग रंग रूप में होते हैं जिसकी लंबाई 3 इंच से लेकर 5 फ़ीट तक होती है

और इसमें लगने वाली पत्तियां सदाबहार होती है जो चिकनी व बालों वाली होती है जो प्रजातियों के अनुसार भिन्न आकार की होती है और इसके तना की बात करें तो इसका तना चिकना तथा पत्ति रहित होती है जिसके सिर पर फूल लगते हैं

और इसका डंठल 3 से 4 इंच की लंबाई तक होता है जो इनके पतियों की तुलना में काफी बड़ा होता है गुलबहार कि पौधों छाया व धूप दोनों ही जगह में काफी अच्छे से बढ़ते तथा फूलते हैं

गुलबहार के फूलों की जानकारी | information about daisy flower in Hindi

information about daisy flower in Hindi

Daisy यानी गुलबहार का फूल पूरी दुनिया में सबसे खूबसूरत दिखने वाली फूलों में से एक है जो गुलाबी अथवा सफेद रंग की पंखुड़ियों के साथ पीले रंग के केंद्र बनाते हुए खिलती हैं जो पीला रंग का केंद्र इन सभी पंखुड़ियों को आपस में जोड़े रखती है जिसे फ्लोरल डिस्क भी कहते हैं

यह फूल दिखने में बिल्कुल सूरजमुखी के फूल जैसा ही होता है लेकिन यह आकार में उससे काफी छोटा होता है सूरजमुखी के फूल की बात करें तो वह सूर्य की दिशा में घूमता है

यानी सूरज पूरब से पश्चिम जाता है तो सूरजमुखी के फूल भी पूरब से पश्चिम की ओर सूरज साथ-साथ मूड़ता है जबकि गुलबहार का फूल सूरज के पहली किरण निकलने के साथ खिलता है और सूरज के डूबते ही मुरझा जाता है

गुलबहार फूल का उपयोग | uses of daisy flower in Hindi

1. गुलबहार एक आयुर्वेदिक औषधीय पौधा भी है जिसका उपयोग हर्बल दवाइयों को बनाने में किया जाता है

2. इनके फूलों तथा पत्तों को खाया भी जाता है

3. इसके फूलों को चाय बनाने में उपयोग किया जाता है

4. गुलबहार के फूलों के गुलदस्ता को उपहार देने के लिए भी उपयोग किया जाता है

5. गुलबहार के फूलों को किसी भी तरह का फंक्शन में सजावट के लिए प्रयोग किया जाता है

6. इसे बगीचे को सजाने व सुंदर बनाने के लिए भी बगीचे में लगाया जाता है

7. मधुमक्खियां या तितलियां तथा अन्य कीट पतंगे गुलबहार के फूल को रसपान यानी अपने भोजन के लिए उपयोग करते हैं

8. इसके फूलों तथा पत्तों को सलाद या सूप बनाने में उपयोग किया जाता है

गुलबहार फूल के रोचक तथ्य | interesting facts of daisy flower in Hindi

1. गुलबहार को पंपने के लिए सूर्य की रोशनी की काफी जरूरत पड़ती है

2. गुलबहार एक गुणकारी फूल भी है जिसके अंदर विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है

3. इसके पंखुड़ियों के बीच वाले हिस्से यानी पीले वाले भाग को फ्लोरल डिस्क कहा जाता है

4. इसमें दो फूल निकलते हैं जिसकी वजह से इसे दो फूल भी करते हैं

5. गुलबहार के फूल का सफेद रंग सादगी और नम्रता को दर्शाता है तथा इसका पीला रंग एक पक्की दोस्ती का प्रतीक माना जाता है

6. गुलबहार फूल सूरज के उगने के साथ खिलता है और सूरज के डूबने के साथ ही मुरझा जाता है

7. गुलबहार का फूल केवल दिन में ही खिलता है और दिखने में एक आंख जैसा होता है जिसके कारण से “दिन की आंख” भी कहा जाता है

8. गुलबहार के पौधों की जीवनकाल करीब 2 साल तक होता है

9. गुलबहार फूल देखने में बिल्कुल सूरजमुखी के फूल जैसा ही होता है लेकिन यह उससे आकार में काफी छोटा होता है

10. Common daisy का वैज्ञानिक नाम Bellis perennis हैं

गुलबहार फूल की प्रजातियां

गुलबहार फुल्की लगभग 4000 से भी अधिक प्रजातियां पाई जाती है जिनमें से कुछ पॉपुलर प्रजातियां है निम्न है

1. ब्लू गुलबहार
2. शास्ता गुलबहार
3. अफ्रीकी गुलबहार
4. अफ्रीकी गुलबहार
5. स्वान नदी गुलबहार
6. माइकलमास गुलबहार
7. ऑक्स-आई गुलबहार
8. स्पैनिश गुलबहार
9. चित्रित गुलबहार
10. पेरिस गुलबहार
11. क्राउन गुलबहार
12. टैटेरियन गुलबहार
13. लेज़ी या प्रेयरी गुलबहार

गुलमोहर का पौधा गमले में कैसे उगाएं

गुलमोहर का पौधा गमले में उगाना बहुत ही आसान है आप इसे आसानी से गमले में उगा सकते हैं तो आइए जानते हैं

1. गुलमोहर का पौधा उगाने के लिए सबसे पहले इसका बीज खरीदना हैं खरीदने के लिए ऐसे आप ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं है और अगर आपके घर में पहले से ही मौजूद हो तो और भी अच्छी बात है

2. अब इसे लगाने के लिए मिट्टी तैयार करें मिट्टी के लिए आप कोकोपीट 80% और वर्मीकंपोस्ट 20% लेकर दोनों को मिला ले

3. अब एक गमला लेना हैं जिसमें निचले हिस्से में छिद्र बना हो ताकि पानी जमे ना

4. अब तैयार किए हुए मिट्टी को गमले में डाल दें और उसके ऊपर पानी की स्प्रे करके 1 दिन के लिए छोड़ दें

5. अब दूसरा दिन उस मिट्टी के ऊपर कुछ-कुछ इंच की दूरी पर 3 से 6 दाने लगा सकते हैं दाने बुवाई करने के बाद तैयार की हुई मिट्टी से ही पतली परत में ऊपर से ढक दें और फिर पानी की स्प्रे कर दें

6. इन बीजों से पौधे निकलने में करीब 1 से 2 सप्ताह का समय लग सकता है तब तक इसे किसी भी तरह से छेड़छाड़ ना करें

7. गमले का मिट्टी सूखने पर समय-समय पर पानी का स्प्रे करते रहे

8. जब पौधा बड़ा हो जाए तो इसे निकाल कर बड़े गमले या फिर जमीन में लगा सकते हैं, सितंबर से अक्टूबर के मौसम में लगाने पर यह 2 से 3 महीने बाद फूल निकलना शुरू हो जाएंगे

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