What is goose berry in Hindi | गूसबेरी क्या हैं?

Goose berry in Hindi – वैसे तो GooseBerry का हिंदी मतलब कई तरह के होते हैं जैसे कि Indian gooseberry जिसे हिंदी में आंवला कहते हैं , Cape gooseberry जिसे हिंदी में रसभरी कहते हैं लेकिन आज हम इस लेख एक ऐसे GooseBerry फल के बारे में जानेंगे जिसे हिंदी में करौंदा कहते हैं तो आइए जानते हैं इस करौंदा फल के बारे में संपूर्ण जानकारी

 करौंदा फल के बारे में जानकारी | what is goose berry in Hindi 

करौंदा एक पहाड़ी फल है जो ज्यादातर पहाड़ी देशों में पाया जाता है जिस फल का उपयोग सब्जी – मुरब्बा अचार एवं चटनी बनाने में भी किया जाता है करौंदा के फल छोटे और हरे रंग के होते हैं जो पकने के बाद काले रंग के हो जाते हैं जिसके अंदर से 4 बीज निकलती है जिसे पुनः पौधा उगाने के लिए उपयोग किया जाता है (माल्टा फल खाने के फायदे)

इसके अलावा करौंदा के फल कच्चे में सफेद व लालिमा सहित अंडाकार दूसरे बैंगनी तथा लाल रंगों में भी होते हैं जो दिखने में काफी सुंदर लगते हैं और करौंदा के कच्चे फल को काटने पर दूध जैसा सफेद रंग पदार्थ निकलता है

 करौंदा के पौधे की जानकारी

करौंदा का पौधा सदैव हरा भरा रहने वाला एक झाड़ की तरह दिखने वाला पौधा होता है जो ज्यादातर पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है करौंदा के पौधे की ऊंचाई 6 से 7 फीट तक होती है जिसके पत्तों के पास डंडियों में तेज और मजबूत कांटे लगे होते हैं

और इसमें लगने वाले फूलों से जूही के फूल जैसा गंध निकलता है और इसमें लगने वाले फूल मार्च के महीने से निकलना शुरू होते है और जुलाई से सितंबर के महीने तक फल पक कर तैयार हो जाते हैं जो पकने के बाद काले रंग के हो जाते हैं जिसके कारण इन्हें कृष्णपाक फल भी कहते हैं

इनके पौधे को बीजों से लगाने के लिए अगस्त से सितंबर महीने का चयन किया जाता है जो काफी अच्छा मौसम रहता है इसके अलावा इसके पौधे को लगाने के लिए कटिंग या बडिंग का भी इस्तेमाल किया जाता है

करौंदा का वैज्ञानिक नाम – वैज्ञानिक नाम कैरिसा कैरेंडस (Carissa carandus) है

कुल – Apocynaceae हैं

अन्य भाषाओं में करौंदा के नाम 

हिंदी – करोंदा, करौंदा, करोंदी

अंग्रेजी – Christ thorn, gooseberry, Bengal currant

तमिल – कलक्के, पेरंगला

बंगाली – करमच, कफरूमीया

गुजराती – करमदा, करमर्द, करमदी

करौंदा के फायदे | Benefits of goose berry in Hindi

करौंदा के फल स्वाद में खट्टा और तहसील में गर्म होती है और करौंदा एक सुंदर फल ही नहीं बल्कि एक औषधिय फल भी है जिसके अंदर कई दोषों को दूर करने वाले गुण पाए जाते हैं तो आइए जानते हैं करौंदा किन किन रोगों को दूर करने में सहायक होता है

1. पेट दर्द के लिए

अक्सर लोग बाहर की गलत खानपान अधिक कर लेते हैं जिसकी वजह से पेट में गैस या एसिडिटी जैसी समस्या हो जाती है और इससे पेट में दर्द होना शुरू हो जाता है इसे ठीक करने के लिए आप करौंदे के फल से बने चूर्ण या इसके जड़ से बने चूर्ण को शहद में मिलाकर सेवन कर सकते हैं जिससे आपके पेट दर्द की समस्या बहुत ही जल्द ठीक हो जाएगी

2. सूखी खांसी दूर करने के लिए

अक्सर यह कई लोगों में देखा गया है कि मौसम बदलाव होते ही कई लोग सुखी खांसी से पीड़ित हो जाते हैं और इस सुखी खांसी से छुटकारा पाने के लिए आप करौंदे के पत्ते के रस में शहद मिलाकर चाट सकते हैं इससे आपकी सूखी खांसी की समस्या धीरे-धीरे ठीक हो जाएगी

3. दांतो के लिए

अगर आपके दांत तो या मसूड़ों में कोई भी समस्या है तो आप करौंदे के फलों को चटनी बनाकर सेवन कर सकते हैं इससे आपको काफी राहत मिलेगी

4. दस्त रोकने के लिए

अक्सर लोग जल्दबाजी के कारण कई गलत तरह के खानपान अधिक सेवन कर लेते हैं जिससे खाना पहुंच नहीं पाता है और दस्त जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है जिसे रोकने के लिए आप करौंदा के कच्चे सूखे हुए फल की चूर्ण और मूल चूर्ण 1 से 2 ग्राम की मात्रा में दोनों को बराबर मिलाकर सेवन कर सकते हैं इससे दस्त के साथ पेट से जुड़ी कई समस्याओं में भी राहत मिलेगी

5. अधिक प्यास लगने की समस्या के लिए

अक्सर लोगों को कई बीमारियों के कारण अत्यधिक और बार-बार प्यास लगती रहती है जिससे आदमी काफी परेशान रहता है और और अगर आपको कोई ऐसी समस्या है तो आप करौंदा के पक्के फल से बने चूर्ण को 1 से 2 ग्राम की मात्रा में सेवन कर सकते हैं इससे आपकी समस्या में काफी लाभ मिलेगा

6. मूत्र संबंधी समस्याओं के लिए

अगर आपको मूत्र करते समय जलन या कोई ऐसी समस्या होती है तो आप करौंदे की 1 ग्राम मूल को दूध के साथ पीसकर सेवन कर सकते हैं इससे काफी लाभ मिलेगा

7. बुखार कम ना होने पर

अक्सर लोगों को कई उपचार के बाद भी बुखार कम नहीं होता है और ऐसे में काफी चिंता का विषय बन जाता है जिसके लिए आप इस घरेलू उपचार का उपयोग कर सकते हैं इसके लिए आप करौंदे के पत्तों का काढ़ा बनाकर इसे 10 से 20 मिली में सेवन कर सकते हैं

8. पैरों की फटने की समस्या के लिए

कई लोगों को यह देखा गया है कि उनके पैरों हमेशा फटे रहते हैं और ठीक नहीं होती हैं जिसके कारण लोगों को कई तरह के समस्या झेलनी पड़ती है और चलने फिरने में भी काफी मुश्किल होती है जिसके लिए आप करौंदा के बीजों को निकालकर पीसकर लेप बनाकर फटे पैरों में लगा सकते हैं यह फटे पैरों के घाव को ठीक करने में काफी लाभ देता है

9. त्वचा संबंधी समस्या के लिए

अक्सर लोगों को कई कारणों की वजह से शरीर में पामा, खुजली, दाह की समस्या हो जाती है जिससे आराम पाने और ठीक करने के लिए करौंदे की मूल को घोड़े के मूत्र, निबू की रस एवं कपूर के साथ पीसकर लगाने से ऐसी समस्याएं दूर होती है

10. मासिक धर्म के लिए

अक्सर महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान काफी समस्या जैसे अधिक ब्लीडिंग, पेट दर्द आदि समस्या होती है जिस से राहत पाने के लिए करौंदा के चूर्ण को 1 से 2 ग्राम की मात्रा में दूध के साथ सेवन कर सकते हैं इससे काफी लाभ होता है

Note – करौंदा के किसी भी प्रकार की समस्या में इस्तेमाल करने से पहले एक आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर ले लें

 करौंदा का उपयोग | uses of goose berry in Hindi 

1. आयुर्वेद में करौंदे के फल, जड़, पत्ती और इसके फूल से बने चूर्ण का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है

2. करौंदा को सब्जी, चटनी, मुरब्बा और अचार बनाकर भी खाया जाता है

3. करौंदा फल को अन्य फलों की तरह डायरेक्ट भी खाया जाता है

4. करौंदा के पेड़ की लकड़ी को जलाने के लिए उपयोग में लाया जाता है

5. करौंदा से जूस और जैम भी बनाया जाता है

करौंदा के नुकसान | side effects of of goose berry in Hindi

करौंदा के फल अर्थराइटिस, गाउट, अल्सर और साइटिका के समस्या वाले लोग सेवन ना करें क्योंकि इससे आपको कई नुकसान हो सकते हैं 

करौंदा कहां पाया जाता है

करौंदा भारत में राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हिमालय के क्षेत्रों में पाया जाता है। यह नेपाल और अफगानिस्तान में भी पाया जाता है।

Read More

Watermelon fruit in Hindi | तरबूज के फायदे और जानकरी

Leave a Comment